Thursday 19 March 2015

The root Is Busy

सारी लाइनें व्यस्त है

ऑल-हैल्थ-कैटेगरीज

आज मुझे एक नया अनुभव हुआ
अपने मोबाइल से अपना ही नंबर लगाकर देखा, आवाज आई
The Number You Have Call Is Busy.....
फिर ध्यान आया किसी ने क्या खूब कहा है....
"औरो से मिलने मे दुनिया मस्त है पर,
खुद से मिलने की सारी लाइने व्यस्त है..!"
 

Friday 13 June 2014

Jara si sham

 जरा सी शाम

Great Men

अभी सूरज नहीं डूबा

जरा सी शाम होने दो..

मैं खुद ही लौट जाऊंगा, मुझे नाकाम होने दो..

मुझे बदनाम करने के बहाने ढूंढते हो क्यों?
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम, पहले नाम होने दो..

अभी करना नहीं कोई शिकायत मुझसे तुम,
मैं सुन लुंगा सब, ये चर्चा पहले आम होने दो..

मेरी हस्ती नहीं अनमोल, फिर भी बिक नहीं सकता,
वफाएं बैच लेना पर, जरा नीलाम होने दो..

नये आगाज में ही हौंसला क्यों हार बैठे हो?
जीत जाओगे तुम सब कुछ
, जरा अंजाम होने दो..


Jo tum chaho

suvich4

अगर तुम खुश रहने लगो 
तुम जो चाहते हो अगर वह हो जाए, तो तुम्हे खुशी मिलेगी,
वैसे ही अगर तुम खुश रहने लगो तो वह होने लगेगा जो तुम चाहते हो।

Ishwar satye hai

भगवान अपने भक्तों के साथ हमेशा रहते हैं

एक अमीर आदमी था। उसने समुद्र में अकेले घूमने के लिए एक नाव बनवाई।
छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र की सेर करने निकला।
आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक एक जोरदार तूफान आया।
उसकी नाव पूरी तरह से तहस-नहस हो गई लेकिन वह लाईफ जैकेट की मदद से समुद्र में कूद गया।
जब तूफान शांत हुआ तब वह तैरता तैरता एक टापू पर पहुंचा लेकिन वहाँ भी कोई नही था।
टापू के चारो और समुद्र के अलावा कुछ भी नजर नही आ रहा था।
उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने पूरी जिदंगी मेँ किसी का कभी भी बुरा नही किया तो मे साथ ऐसा क्यूं हुआ..?
उस आदमी को लगा कि भगवान ने मौत से बचाया तो आगे का रास्ता भी भगवान ही बताएगा।
धीरे धीरे वह वहाँ पर उगे झाड-पत्ते खाकर दिन बिताने लगा।
अब धीरे-धीरे उसकी श्रद्धा टूटने लगी, भगवान पर से उसका विश्वास उठ गया।
उसको लगा कि इस दुनिया में भगवान है ही नही।
फिर उसने सोचा कि अब पूरी जिंदगी यही इस टापू पर ही बितानी है तो क्यूं ना एक झोपडी बना लूँ ......?
फिर उसने झाड की डालियो और पत्तो से एक छोटी सी झोपडी बनाई। उसने मन ही मन कहा कि आज से झोपडी में सोने को मिलेगा आज से बाहर नही सोना पडेगा। रात हुई ही थी कि अचानक मौसम बदला बिजलियां जोर जोर से कड़कने लगी.! तभी अचानक एक बिजली उस झोपडी पर आ गिरी और झोपडी धधकते हुए जलने लगी। यह देखकर वह आदमी टूट गया आसमान की तरफ देखकर बोला तू भगवान नही, राक्षस है।
तुझमे दया जैसा कुछ है ही नही तू बहुत क्रूर है। वह व्यक्ति हताश होकर सर पर हाथ रखकर रो रहा था।
कि अचानक एक नाव टापू के पास आई। नाव से उतरकर दो आदमी बाहर आये और बोले कि हम तुमे
बचाने आये हैं। दूर से इस वीरान टापू मे जलता हुआ झोपडा देखा तो लगा कि कोई उस टापू
पर मुसीबत मेँ है। अगर तुम अपनी झोपडी नही जलाते तो हमे पता नही चलता कि टापू पर कोई है। उस आदमी की आँखो से आँसू गिरने लगे। उसने ईश्वर से माफी माँगी और बोला कि मुझे क्या पता कि आपने मुझे बचाने के लिए
मेरी झोपडी जलाई थी।
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Moral - दिन चाहे सुख के हों या दुख के,
भगवान अपने भक्तों के साथ हमेशा रहते
हैं। 


Kabir ke dohe


                                  बड़े काम के कोड है
suvich4.blogspot.in


,,ग क्या कहता है जरा गौर करें...

क - क्लेश मत करो

ख- खराब मत करो

ग- गर्व ना करो

घ- घमण्ड मत करो

च- चिँता मत करो

छ- छल-कपट मत करो

ज- जवाबदारी निभाओ

झ- झूठ मत बोलो

ट- टिप्पणी मत करो

ठ- ठगो मत

ड- डरपोक मत बनो

ढ- ढोंग ना करो

त- तैश मे मत रहो

थ- थको मत

द- दिलदार बनो

ध- धोखा मत करो

न- नम्र बनो

प- पाप मत करो

फ- फालतू काम मत करो

ब- बिगाङ मत करो

भ- भावुक बनो

म- मधुर बनो

य- यशश्वी बनो

र- रोओ मत

ल- लोभ मत करो

व- वैर मत करो

श- शत्रुता मत करो

ष- षटकोण की तरह स्थिर रहो

स- सच बोलो

ह- हँसमुख रहो

क्ष- क्षमा करो

त्र- त्रास मत करो


ज्ञ- ज्ञानी बनो !!

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